आप सभी ने हमारे पिछले ब्लॉग में कई अलग अलग कंप्यूटर के बारे में जरूर पढ़ा होगा जैसे UNIVAC, ENIAC Computer आदि. इस ब्लॉग में हम जानेंगे क्वांटम कंप्यूटर क्या है (Quantum Computer kya hai) के बारे में कई सारी चीजे जैसे की ये क्या होते है, ये कैसे काम करते है और सबसे इम्पोर्टेन्ट बात की क्या क्वांटम कंप्यूटर सुपर कंप्यूटर से भी तेज़ काम कर सकते है तो आईये जानते है Quantum Computer in Hindi
What is Quantum Computer in Hindi
इसे नई दुनिया का या भविष्य का कंप्यूटर भी कहा जा रहा है और इस पर बड़े बड़े वैज्ञानिक और इंजीनियर बड़ी तेजी से इस पर काम कर रहे है हालाँकि ये कंप्यूटर आपके बेसिक personal computer से बिलकुल अलग है.
हाल ही में जानी मानी कंपनी Google ने ये दावा किया है की 10000 सालों के काम का सिर्फ कुछ ही seconds में करेगा उनका ये नया प्रोसेसर तो चलिए Quantum Computer के बारे में जानने से पहले जानते है की प्रोसेसर क्या होते है. क्युकी ये क्वांटम कंप्यूटर से काफी जुड़ा हुआ है.
Processor
प्रोसेसर को आप यू समझ सकते है की ये एक चिप होता है, जो हमारे कंप्यूटर, टेबलेट और smartphone में लगी होती है और ये हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के combination में काम करता है, यानि ये दोनों के बिच में हर चीज को समझता है.
मान लीजिये हमने कंप्यूटर को Keyboard की मदद से कोई Input दिया तो वो इनपुट प्रोसेसर से होते हुए ही process होता है इसलिए प्रोसेसर कंप्यूटर का दिमाग माना जाता है और smartphone का भी क्युकी दोनों में प्रोसेसर लगे होते है जैसे इंसान के पास दिमाग होता है ठीक उसी तरह प्रोसेसर में भी यही चीज लागु होती है अगर कंप्यूटर में से प्रोसेसर को निकल दिया जाये तो कंप्यूटर की क्षमता बिलकुल खत्म हो जाएगी.
Classic Computer
दोस्तों एक होता है CC और दूसरा होता है QC इसमें CC यानि Classic Computer वो कंप्यूटर होते है जो स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटी या फिर हम Normal घरों पर जो इस्तेमाल करते है, और दूसरा होता है QC यानि Quantum Computer. ये क्लासिक से क्या डिफरेंट है? और इसमें क्या ख़ास बात है? चलिए जानते है क्लासिक कंप्यूटर कैसे काम करता है –
क्लासिक कंप्यूटर में जो डाटा होता है वो 0 या 1 की फॉर्मेट में होता है. यानि या तो 0 होगा या फिर 1 होगा आपको ये बात जानकर हैरानी होगी की कंप्यूटर अंग्रेजी भाषा को नहीं समझता है. अंग्रेजी भाषा में जितने भी अक्षर होते है A se लेकर Z तक इन अक्षरों को कंप्यूटर नहीं समझता है. वो सिर्फ बाइनरी नंबर को समझता है इसलिए इसे बाइनरी कंप्यूटर भी कहा जाता है.
Binary Number
बाइनरी नंबर 0 और 1 के फॉर्मेट में होता है जिसे हम Bits कहते है. कंप्यूटर इसी bits से समझता है की कौनसा data कहा जा रहा है और कौनसा डाटा आ रहा है. Classic Computer में बाइनरी नंबर 0 और 1 की अलग अलग 4 पॉसिबिलिटी हो सकती है जैसे 01, 10, 00 और 11 ये एक ही चीज समझती है 0 या फिर 1 और इसी से सारी प्रोसेसिंग होती है.
चलिए इसे और आसानी से समझते है कंप्यूटर में बिट्स, Information की सबसे बेसिक यूनिट होती है जैसे मान लीजिये एक Switch है और स्विच या तो On होगा या फिर Off होगा स्विच को अगर हम 1 बार दबाते है तो OFF होगा यानि 0 और अगर हम इसे फिर से उसे दबाते है तो ये ON होगा यानि 1 .
जैसा की अभी हमने जाना था की कम्यूटर अंग्रेजी भाषा नहीं समझता है. लेकिन अब आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा की अगर कंप्यूटर अंग्रेजी नहीं समझता है. तो जब हम कंप्यूटर में नोटपैड में A likhte है तो वो A kyu दिखता है. तो उसमे होता ये है जब आप कंप्यूटर में A टाइप करते है तो कंप्यूटर उसे A नहीं समझता है बल्कि वो उसे 01100001 की फॉर्म में समझता / पढ़ता है. आपको पता है की पूरी दुनिया का जो डाटा है वो केवल 1 और 0 की फॉर्मेट में ही है.
Quantum Computer
अब हम बात करते है क्वांटम कंप्यूटर की तो ये कंप्यूटर क्लासिक कंप्यूटर से काफी अलग होते है. Classic Computer में Bits होते है लेकिन Quantum Computer में Qbit होते है. यानि क्वांटम बिट इसे आप Bit का Next Version कह सकते है.
चलिए मान लीजिये की Bit एक Coin यानि सिक्के की तरह है, जब हम सिक्के को उछलते है तो हेड या टेल आता है यहाँ हम मान के चलते है की अगर सिक्के को उछलने पर tail आता है तो वह 0 और हेड आता है तो वह 1 और Qbit को हम एक Football मान लेते है. अब जरा बताये coin के सिर्फ दो साइड होते है हेड और टेल यानि 0 और 1 लेकिन फुटबॉल की बहुत सारी sides होती है.
तो इस चीज को आप ऐसे समझ सकते है की क्लासिक कंप्यूटर में जो डाटा होता है वो 0 और 1 के फॉर्मेट में होता है या तो 0 होगा या 1 लेकिन Qbit में 0 भी हो सकता है और 1 भी हो सकता है और 01 दोनों भी हो सकते है यानि इसकी result डबल है.
इसलिए क्लासिक कंप्यूटर की comparision में क्वांटम कंप्यूटर एक साथ बहुत सारे काम कर सकता है आपके नार्मल कंप्यूटर और गूगल के कम्यूटर के मुकाबले में ये कई लाख गुना तेज़ है.
क्या है Google का Quantum Supremacy
Intel और IBM जैसे कई कंपनी है, जो Quantum कंप्यूटर बनाने में लगी हुए है. अगर हम क्वांटम कंप्यूटर की बात करे तो 23 अक्टूबर 2019 में गूगल ने एक Chip डेवेलोप करी है. उन्होंने इस चिप को Quantum Supremacy नाम दिया है और गूगल ने एक experiment भी करके दिखाए है जिसमे किसी भी Complex प्रॉब्लम को Quantum Computer बड़ी तेज़ी से कर सकता है.
इस Experiment को करने के लिए एक processor का इस्तेमाल किया गया है, जिसका नाम है Sycamore जोकि 54 Qbit का है गूगल ने इसके बारे में बताया है की इसे बनाने में कंपनी को 2 दशक का समय और कड़ी मेहनत लगी है.
Conclusion
दोस्तों में आशा करता हूँ आपको Quantum Computer in Hindi पर पूरी तरह से जानकारी मिली होगी. इसके अलावा अगर आपको इस ब्लॉग में कही कोई doubt हो तो आप नीचे comment box में पूछ सकते है. मैं आप के सभी सवालों के reply देने की पूरी कोशिश करूँगा. इसके अलावा आप हमे हमारे सोशल मीडिया Facebook, Twitter, Instagram पर Follow कर सकते है. साथ ही दोस्तों आपको हमारे ब्लॉग या वेबसाइट पर बदलाव की जरुरत लगती है. तो आप अपने Suggestions भी हमे दे सकते है. दोस्तों इसी के साथ फिर मिलेंगे एक नयी जानकारी के साथ तब तक के लिए धन्यवाद, जय हिंदी जय भारत !!